भगवान शिव के मस्तक पर फरसे से चोट मारने वाला कौन था ?

जैसा की आप जानते हैं कि परशुराम व‍िष्‍णु अवतार हैं और इनके गुरु भगवान श‍िव हुए थे। परशुराम काफी तेज श‍िष्‍यों में माने जाते थे। भगवान शिव अपने शिष्य को परखने के लिए परशुराम की समय-समय पर परीक्षा लिया करते थे. एक दिन शिवजी ने परशुराम की परीक्षा लेने के लिए निति के विरुद्ध कुछ कार्य करने का आदेश दिया. पहले परशुराम को कुछ संकोच हुआ परन्तु फिर उन्होंने भगवान शिव से साफ़ साफ़ कह दिया की वे वह कार्य नहीं करेंगे जो निति के विरुद्ध हो. वह लड़ने को खड़े हो गए और समझाने बुझाने से भी नहीं माने. महादेव शिव से ही भिड़ गए. भगवान शिव और परशुराम दोनों के मध्य भयंकर युद्ध छिड़ गया.

परशुराम ने पहले बाणों से शिव पर प्रहार किया जो शिव ने अपने त्रिशूल से काट डाले. अंत में अति क्रोधित परशुराम ने अपने फरसे का प्रयोग किया. परशुराम ने महादेव शिव पर उनके ही दिए फरसे से प्रहार कर दिया. क्योकि शिव को अपने अस्त्र का मान रखना था था उन्होंने उस अस्त्र के प्रहार को अपने ऊपर ले लिया. भगवान शिव के मष्तक पर बहुत गहरी चोट लगी. भगवान शिव के एक नाम खण्डपरशु का यही रहस्य है. भगवान शिव ने परशुराम के फरसे के उस प्रहार का बुरा नहीं माना बल्कि परशुराम को अपने गले से लगा लिया और कहा अन्याय करने वाला चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, धर्मशील व्यक्ति को अन्याय के विरुद्ध खड़ा होना चाहिए, यह उसका कर्तव्य है.संसार में अधर्म मिटाने से मिटेगा सहने से नहीं. इसके बाद भगवान शिव ने नैतिक उपदेश देते हुए परशुराम से कहा की केवल धर्म, तप, जप, दान, व्रत, उपवास धर्म के लक्षण नहीं है . अन्याय अधर्म से लड़ना भी धर्म साधना का एक हिस्सा है.

तो दोस्तों, भगवान् शिव के मस्तक पर अपने फरसे से प्रहार करने वाले परशुराम ही थे और इसीलिए भगवान् शिव का एक नाम खंड परशु भी है।

It was Parshuram who hit Lord Shiva on his forehead. After that event, Shivjee is also known as Khand Parshu. #parshuram

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