
हनुमानजी के 6 चमत्कारी मंदिर , कहीं लेटे हुए हैं तो कहीं उलटे और कहीं नारी रूप में हैं बजरंग बली
- लेटे हुए हनुमान जी: धर्म की नगरी इलाहाबाद में हनुमानजी का यह मंदिर पूरी दुनिया में इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां हनुमानजी की प्रतिमा लेटी हुई है। इस मंदिर को श्रद्धालु हनुमानजी का घर भी कहते हैं। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में सभी मन्नतें पूरी होती हैं। कथा है कि औरंगजेब और उसकी भीषण सेना ने हनुमान जी की प्रतिमा को हटाने की खूब कोशिश की लेकिन वह टस से मस न कर सके। सैनिक गंभीर रूप से बीमार हो गए और हारकर उन्हें वहां से लौटना पड़ा।
- उल्टे हनुमान जी: भगवान हनुमान का एक विशेष मंदिर है, इसकी खासियत यह है कि इसमें हनुमानजी की उल्टी मूर्ति है और यह इंदौर के सांवरे नामक स्थान पर स्थापित है। लोगों का मानना है कि उल्टे हनुमानजी उनके पाताल विजय की प्रतीक है, यहीं से हनुमान जी पाताल लोक की और गए थे। जब हनुमान जी पाताल लोक जा रहे थे, तब उस समय हनुमान जी के पांव आकाश की ओर और सिर धरती की ओर था। यही कारण है कि यहां उनके इस उल्टे रूप की पूजा की जाती है। मंदिर के बारे में मान्यता यह है कि जो भी भक्त पांच मंगलवार व्रत रखकर चोला चढ़ाने आए, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
- कैंचीधाम वाले हनुमानजी: सन् 1962 में नीम करोली बाबा ने क्षिप्रा नाम की छोटी पहाड़ी नदी के किनारे कैंचीधाम में इस मंदिर की स्थापना की थी। इस मंदिर में जो भी भक्त आते हैं, वे खाली हाथ नहीं जाते हैं। इनके भक्तों में ऐपल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स, फेसबुक प्रमुख मार्क जकरबर्ग और हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स जैसे बड़े-बड़े लोग शामिल हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर में ज्यादातर अमेरिकी ही आतें हैं। वह आश्रम में रहते हैं और हनुमान जी की सेवा करते हैं। भक्तजनों की मानें तो यहां बिगड़े हुए काम आसानी से बन जाते हैं। यही कारण है कि इस मंदिरों में भक्तों का सैलाब हर रोज उमड़ता है।
- स्त्री के रूप में हनुमान जी: हनुमानजी का यह मंदिर बाकी मंदिरों से अलग है क्योंकि बाल बाल ब्रह्मचारी हनुमानजी की यहां स्त्री के रूप में पूजा होती है। मान्यता है कि प्राचीन काल में रतनपुर के एक राजा थे पृथ्वी देवजू। राजा हनुमान जी के भक्त थे। एक रात हनुमान राजा के सपने में आए और मंदिर बनवाने और अपनी प्रतिमा को महामाया कुण्ड से निकालकर मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया। जब राजा ने महामाया कुंड में भगवान हनुमान की प्रतिमा देखी तो वह नारी रूप में थी। राजा ने भगवान के आदेश के अनुसार भगवान हनुमान की उसी नारी रूपी प्रतिमा की स्थापना कर दी। यह प्रतिमा दक्षिणमुखी है। इनके बायें कंधे पर श्री राम और दायें पर लक्ष्मण जी विराजमान हैं। हनुमान जी के पैरों के नीचे दो राक्षस हैं अहिरावण और उसका भाई माना गया है। हनुमान जी का यह मंदिर छत्तीसगढ़ के रतनपुर गांव में है।
- पत्नी के साथ हनुमानजी: संकटमोचन हनुमानजी को बाल ब्रह्मचारी हैं यह तो सब जानते हैं लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है, जहां वह अपनी पत्नी के साथ विराजते हैं। जिनके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। मान्यता है कि जो भी जातक इस मंदिर के दर्शन करता है, उनके दाम्पत्य जीवन के सारे तनाव खत्म हो जाते हैं। यह मंदिर आंध्र प्रदेश खम्मम जिले में बना है। मान्यताओं के अनुसार हनुमानजी की पत्नी का नाम सुवर्चला है और वे सूर्य देव की पुत्री हैं। इसके अलावा पाराशर संहिता में भी हनुमान जी और सुवर्चला के विवाह की कथा है।
- मेहंदीपुर बालाजी: राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ मेहंदीपुर नामक स्थान है। यहीं पर मेहंदीपुर बालाजी का प्रसिद्ध मन्दिर। इस मन्दिर में स्थित बजरंग बली की बालरूप मूर्ति किसी कलाकार ने नहीं बनाई, बल्कि यह स्वयंभू है। भूत प्रेतादि ऊपरी बाधाओं के निवारण के लिए यहां आने वालों का तांता लगा रहता है। इस मंदिर में प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा यानी की कोतवाल कप्तान की मूर्ति है। हर दिन 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में पेशी यानी की कीर्तन होता है जिसमें लोगों पर आए हुए ऊपर सायों को दूर किया जाता है। इस मंदिर से आप किसी भी तरह के प्रसाद को खा नहीं सकते, घर नहीं ले जा सकते, कोई भी खाने-पीने का सामान, साबुन-तेल-शैंपू जैसी गंध वाली चीजों को वापस घर नहीं ले जा सकते।
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