दशरथ का पिंडदान सीता जी ने ही क्यों किया? क्यों दिया सीता ने गाय,पंडित,कौवे और नदी को श्राप .
क्यों दिया सीता ने गाय,पंडित,कौवे और नदी को श्राप??
भगवान राम ने नहीं, सीता मां ने राजा दशरथ का पिंडदान किया था। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जब भी किसी शख्स की मौत होती है तो उसका पिंडदान करने का हक उसके बेटे को दिया जाता है लेकिन भगवान राम ने ऐसा नहीं किया था। उन्होंने अपने पिता दशरथ का पिंडदान नहीं किया था बल्कि सीता ने किया था।
राजा ने सीता से अपने पास समय कम होने की बात कहते हुए अपने पिंडदान करने की विनती की।
सीता ने राजा दशरथ की राख को मिलाकर अपने हाथों में उठा लिया। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद एक ब्राह्मण, फाल्गुनी नदी, गाय, कौवा और अक्षय वट को इस पिंडदान का साक्षी बनाया।
सीता की इस बात पर भगवान राम ने यकीन नहीं किया। इसके बाद भगवन राम को गुस्से में देखकर ब्राह्मण, फाल्गुनी नदी, कौवा और गाय ने झूठ बोलते हुए ऐसी किसी भी बात से इंकार कर दिया। जबकि अक्षय वट ने सच बोलते हुए सीता का साथ दिया।
ऐसे में सीता मां ने गुस्से में आकर चारों जीवों को श्राप दे दिया जबकि अक्षय वट को वरदान देते हुए कहा कि तुम हमेशा पूजनीय रहोगे और जो लोग भी पिंडदान करने के लिए गया आएंगे। उनकी पूजा अक्षय वट की पूजा करने के बाद ही सफल होगी।
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