श्रीकृष्ण की पुत्रवधु लक्ष्मणा उनसे क्या पूछना चाहती थी और श्रीकृष्ण ने क्या उत्तर दिया?
जब लक्ष्मणा विवाह करके द्वारका आ जाती हैं तो वो कृष्ण जी से क्या पूछना चाह रही थी लेकिन अपने स्वसुर से पूछने का साहस नहीं जुटा पा रही थी। क्यूंकि कोरवो और पांडवो के मध्य युद्ध कि ठहर चुकी थी और श्री कृष्ण अपनी बुआ कुंती के पुत्र और अपनी बहन सुभद्रा के पति अर्जुन का साथ देंगे या फिर अपने समधी दुर्योधन का।
श्री कृष्ण उसके मन कि बात जान जाते हैं और कहते हैं कि मेरा विश्वास करो जो भी मेरे समक्ष पहले आएगा मैं उसी का समर्थन करूँगा। लक्ष्मणा फिर संदेह जताती हैं कि कही आपने अर्जुन को चुन लिया तो? तो श्री कृष्ण पुनः कहते हैं कि मैं लोगो को नहीं चुनता, लोग मुझे चुनते हैं। अगर तुम चाहो तो कक्ष के बाहर प्रतीक्षा कर सकती हो और पूरा प्रकरण देख सकती हो।
निर्धारित समय पर दुर्योधन कक्ष मैं पहले आते हैं और पाते हैं कि वासुदेव सो रहे है। इसलिए वो उनके सर के पास बैठ जाते है। लक्समना ये सब देख रही होती है । कुछ समय पश्चात् अर्जुन आते हैं और वो श्री कृष्ण के चरणों के पास बैठ जाते है। श्री कृष्ण जब निद्रा से जागते हैं तो अपने सामने अर्जुन को बैठा पाते है।
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